बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्र एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्र
प्रश्न- उड़ीसा के इकत वस्त्र पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर -
उड़ीसा के इकत वस्त्र इकत' शब्द मलय- इंडोनेशिया शब्द 'मांगिकट' से बना है जिसका अर्थ है बाँधना या गाठ लगाना। यह एक यार्न प्रतिरोध तकनीकी है जिसमें यार्न को टाई एण्ड डाई किया जाता है और बुनाई पर कपड़े की सतह पर एक पैटर्न बनाया जाता है। बुनाई से पहले धागों की प्रतिरोधी रंगाई के कारण कपड़े पर विशिष्ट धुंधले पैटर्न से इकत वस्त्र की पहचान की जा सकती है। इसे तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है -
सिंगल इकत सिंगल इकत दो प्रकार की होती है ताना इकत और बेट इकत। जैसा कि नाम से पता चलता है ताना इकत में ताने के धांगे को टाई एण्ड डाई किया जाता है और सादे ठोस रंग के धागों से बुना जाता है और इस तरह बाने के इकत में बाने के यार्न को टाई एण्ड डाई किया जाता है और सादे धागों के साथ बुना जाता है।
डबल इकत - डबल इकत में ताने और बाने दोनों को पूर्व निर्धारित पैटर्न के अनुसार टाई एण्ड डाई किया जाता है और फिर कपड़े पर स्पष्ट डिजाइन बनाने के लिए बुना जाता है।
संयुक्त इकत - संयुक्त इकत में ताने और बाने के दोनों धागों को टाई एण्ड डाई किया जाता है, लेकिन एक अच्छा पैटर्न बनाने के लिए विशेष कपड़े का चयन करते हैं।
भारत में इकत का उत्पादन प्रमुख रूप से गुजरात, उड़ीसा और आंध्रप्रदेश में है। इकतों को अलग-अलग नामों से जानने वाले प्रत्येक क्षेत्र में रूपांकनों और पैटर्न से पहचाना जा सकता है।
भारत में इकत वस्त्रों को क्षेत्र के आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है
(1) गुजरात (पटोला)
(2) ओडिशा के बंध
(3) आंध्र प्रदेश के इकत वस्त्र तौलिया, रूमाल और पोचमपल्ली।
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